बहुत याद आते है Daddy

रोज़ रोज़, कल आज और कल् ।

वो बचपन के सुन्हेरे दिन्,

नहीं भूल सकती वो प्यारे पल ॥

Exam तो होते थे मेरे,

पर शिकन आपके माथे पर थे ।

रात रात भर जाग कर्,

चाय से आप होसला बड़ाते थे ॥

पास होती थी मे, खुशी

से फूले न समाते ते आप् ।

और पढ़ो खुब पढ़ो, सदा

encourage करते रहे आप ॥

Daddy आप एक आस थे, हमरे मन का विश्वास थे,

हर मुश्किल कि घड़ी मे, खड़े हमारे साथ थे ।

अन्दर से नरम उपर से गरम्,

मेरे सपने सदा आपके पलको मे थे ॥

अपने कन्धे पे बेठा कर खूब घुमाया ,

चिन, लनडन कैरो सब दिखाया,

हिन्दी मैथ English सब कुछ सिखाया

Ph.D करने का प्रोतसाहन आप ने दिलाया ॥

याद आता है वो अखिरी Father’s Day

जो आपने मेरे साथ मनाया ।

खुश किस्मत समझ्ती हूँ मै,

वृश कि तरह्, देते रहे अपनी छाया ॥

आप नज़रें घुमा कर्, हमसे दूर चले तो गये,

विश्वास नही होता, २ घंटे facetime मे, पहले मिले तो थे ।

एक अवाज दी तो होती, बस एक बार्

एक आखिरी बार गले से लगाया तो होता ॥

आज भी दिख जातें हैं आप,

काला सॣट, फर की कैप पहने हुऐ।

हाथ में जाम लिए, दोसतों।

के साथ हँसी ठहाका करते हुऐ॥

सुबह्, शाम रात्, याद आते हैं आप्

बाते करती हूँ, मैं आपसे हर रात्।

चोरी चोरी चुपके चुपके,

रोज सपने मे आते हैं आप ॥

सन्तोश कर लेती हूँ यह सोच कर्

परियों के देस चले गये है आप्।

शायद खुश है, मुस्करा रहे है,

लेकिन हमेशा हमरे साथ रहेंगे आप ॥