कोरोना – तेरा शुकरिया

  कोरोना – तेरा शुकरिया

            बहुत खोया, बहुत पाया;

            जिन्दगी के इस सफर मे;

            भीड़ में भी अपने को;

            अकेला ही पाया ।

            Scientist ने nuclear bomb बनाया;

            NASA ने MARS तक पहुँचाया।

            China ने कोरोना बनाया,

            हमने, घर मे बैठ कर ही उसे;

            अपने से दूर भगाया ।

ये साधु ये पंडित,

जिन्होने कितना उल्लु बनाया ।

pandemic आयेगा, lockdown आयेगा,

ये, क्यों नही बताया ।

कोरोना तेरा शुकरिया,

एक एक रिश्ता तूने अच्छे

से हमे समझाया ।

नहीं तो जिन्दगी निकल रही थी

यह कहते कहते,

मै सही हु तू गलत है

न जाने कितने ही रिश्ते,

पीछे छुठ रहे थे ।

कोरोना तूने हमे, रुक रुक्

कर नीला काश देखना सिखाया ।

Vancouver की ताजी crisp हवा, बरफ्

की चादर मे ढका पहाड़

कोरोना तेरा शुकरिया, तूने

सब appreciate करना सिखाया ।

कोरोना तूने रोज कि भागदौड़ी से

बचना सिखाया ।

online हुइ सारी पढ़ाई

तू न होता, तो lockdown न होता

बस होती सिर्फ जुदाई

कोरोना तेरा शुकरिया, तूने

घर मे ही वाह क्य देग्री दिलाई ।

एक बर फिर से, कोरोना तेरा शुकरिया

तूने आसना, प्रानायम करना सिखाया ।

zoom और MS teams के बीच्

तूने घर से काम करना सिखाया ।